IPO Financing क्या है? आईपीओ से लोन लेने की क्या शर्ते है, जाने सम्पूर्ण जानकारी !

IPO Financing: आईपीओ (IPO) निजी तौर पर आयोजित कंपनियों की जनता को शेयर बेचने और धन जुटाने की छूट प्रदान करता है। पहला शेयर बेचने के के बाद कंपनी अपनी निजी स्थिति खो देती है और एक सूचीबद्ध कंपनी बन जाती है जिसके शेयर स्टॉक एक्सचेंज मे व्यापार के लिए खुल जाते है। 

IPO Financing

कोई भी कंपनी चाहे तो अपने IPO जारी करके सार्वजनिक हो सकती है, कंपनी बाज़ार मे नए शेयर जोड़ सकती सकती है और शेयर मार्केट मे काम करने वाले लोगो के लिए यह एक अच्छा ऑप्शन होता है जिससे वह किसी नई कंपनी के IPO मे अपना पैसा इन्वेस्ट करके एक अच्छा मुनाफा कमा सकते है।  

IPO के लिए आप कितना उधर ले सकते है?

आईपीओ (IPO) मे इन्वेस्ट के लिए आप उधर भी ले सकते है और प्रति पैन कार्ड आपको 1 करोड़ रुपए तक उधार राशि मिल सकती है। पिछले साल तक, जब RBI ने  (systemic risks) को रोकने के लिए इस पर प्रतिबंध लगाया था, लेकिन अब निवेशक जितना चाहे उतना उधार ले सकता है। 

IPO के लिए लोन लेने की क्या शर्ते है 

यदि आप भी आईपीओ के जरिये लोन लेने की सोच रहे है, तो आपको मुख्य रूप से इन शर्तो का पलंब करना होगा तभी आपको लोन मिल पाएगा –

  1. इस सुविधा का उपयोग आमतौर पर (HNI) द्वारा किया जाता है। 
  2. इसके इश्यू मुद्दो मे कम से कम 10 लाख रुपए लगते है। 
  3. लोन की अवधि आम तौर पर 3 से 6 दिनो की होती है। 
  4. (NBFC) ग्राहक के आधार पर 20% से 30% का भरी वार्षिक ब्याज लेते है। 
  5. इसके अलावा लोन राशि पर 5% तक की प्रोसेसिंग फीस ले सकते है। 
  6. कुछ NBFC फ्लैट ब्याज दर और प्रोसेसिंग फीस भी लेते है। 
IPO Financing

IPO Financing सुविधा कैसे काम करती है?

  1. इन्वेस्टर को पहले फाइनेंस कंपनी मे खाता खोलना होता है, और संबधित ब्रोकरेज के साथ एक डिमेट खाता खोलना होगा। 
  2. लोन उधर लेने वाले के खाते मे ट्रांसफर किया जाता है, जबकि IPO एप्लीकेश इसी डिमेट खाते के माध्यम से लिया जाता है। 
  3. एक बार IPO मे शेयर खरीदने के बाद ऋणदाता अधिक जोखिम और ब्याज लागत के कारण लिस्टिंग के दिन शेयर बेचता है। 
IPO Financing

IPO Financing से निवेशको को मिलने वाले लाभ 

  1. इसमे 6 से 10 दिनो मे लाभ मिल जाता है। 
  2. बेहतर शेयर आवंटन के लिए निवेशक एक से अधिक शेयर खरीद सकते है। 
  3. ऋणदाता ही मुख्य रूप से शुरू से अंत की प्रक्रिया को संभालता है। 
  4. यहां तक की आईपीओ मे सीमांत फंडिंग के लिए प्रतिभूतियां या नकदी भी लागू होता है। 

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